Class 1, Lesson 32: याईर की बेटी

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Lesson Text

आज की कहानी एक छोटी लडकी के विषय में है। हम उसका नाम नहीं जानते। परन्तु यीशु ने उसे प्रमे से तलीता पुकारा, जिसका अर्थ है छोटी लडकी। उसके पिता का नाम याईर था। वह एक मुख्य व्यक्ति था क्योंकि वह यहूदी आराधनालय का प्रमुख था। आराधनालय वह स्थान था जहां यहूदी परमेश्वर की उपासना करने और अध्ययन करने के लिए एकत्रित होते थे। ये लडकी बारह वर्ष की थी। वह मॉ बाप की एकलौती बेटी थी। एक दिन वह बीमार हो गई। उसकी हालत बिगडती गई, और उसका पिता चिन्तित हुआ। वह बाहर गया और उसे एक बडी भीड मे यीशु मिला। वह यीशु के पैरों पर गिरकर कहने लगा, ” मेरी बेटी मरने पर है,तू आकर उस पर हाथ रख कि वह चंगी होकर जीवित रह ”े उसे भरोसा था कि यीशु उसकी बेटी को चंगा कर सकता है।प्रभु हमेशा अपने पास आनेवालों के विश्वास को महत्व देते हैं । प्रभु यीशु याईर के साथ गया, और भीड उसका पीछा कर रही थी। वे मार्ग में ही थे कि कुछ लोगों ने आकर कहा, ” तेरी बेटी मर चुकी है, अब गुरु को क्यों कष्ट देता है? “ यह सुनकर प्रभु यीशु ने याईर से कहा, ” मत डर, केवल विश्वास रख “ जब वे घर पहुचं े तो प्रभु यीशु ने देखा कि लोग रोकर विलाप कर रहे थे, उसने उंची आवाज से कहा, ” तुम क्यो रोते हो , वह मरी नहीं सोई है “ लोग उसकी हंसी उडाने लगे, क्यों क वे जानते थे कि लडकी मर चुकी है। प्रभु यीशु ने सब को कमरे से बाहर निकाला, और लडकी की माता पिता और तीन चेलों पतरस, याकूब और युहन्ना को लेकर कमरे में गया। उसने लडकी का हाथ पकडकर कहा, ”तलीता कुमी“ जिसका अर्थ है,(हे छोटी लडकी मै कहता हुं उठ!) वह लडकी उसी समय उठकर चलने लगा। इसे देखकर वे चकित हो गए । यीशु ने उनसे कहा कि उसे कुछ खाने को दे ।

Excercies

Song

(Tune: बच्चों को मेरे पास आने दो ) याईर की प्यारी बेटी, बीमार थी यीशु के आने से पहले, मर गई तलीता कूमी, यीशु ने कहा और तुरंत वह जी उठी । पाप और अधर्म में, मैं था मरा यीशु की मौत से, जीवन बदला तलीता कूमी, यीशु ने कहा और तुरंत क्षमा मिली । आएगा यीशु एक दिन, बादलों मे अपने लोगों को, स्वर्ग ले जाने जी उठो, तब ललकार होगा मसीह में मरे, जी उठेंगे। पुनरुत्थान और, जीवन मैं ही हूँ मुझ पर विश्वास करो, कहता यीशु वह यदि मर भी जाए तौभी जरूर जीएगा।