Class 1, Lesson 39: क्रूस की मृत्यु

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Lesson Text

हम देख चुके हैं कि प्रभु यीशु को परमेश्वर ने बालक के रुप मे जन्म लेने भेजा था। वह मनुष्य बनकर मनुष्यों के बीच पिता की इच्छा पुरी करते हुए रहा। उन्होने लोगों के बीच अनेक अद्धभुत कार्य किए, जैसे बिमारों को चंगा करना और मुर्दों को जिलाना। इन कार्यों के द्वारा उसने परमेश्वर का प्रेम और सामर्थ प्रगट किया। बहुतो ने उस पर विश्वास किया। वे जानते थे कि वह प्रतिज्ञा किया गया मसीहा है। एक भीड हमेशा प्रभु यीशु के पीछे रहती थी जिसके कारण यहूदियों के प्रधान और महायाजकों को जलन हुई उन्होने प्रभु पर दोष लगाना चाहा पर ऐसा कर न सके। इस कारण उन्हे और भी जलन और क्रोध हुआ। प्रभु के चेलों मे से एक लालची था, उसका नाम यहूदा था। उसने प्रधानों को प्रभु को पकडवाने मे सहायता करने का वादा किया। प्रधानों ने उसे तीस चान्दी के सिक्के देने का वादा किया। वह उनकी बात मानकर मौका देखने लगा कि जब प्रभु भीड के साथ नहीं होंगे ,वह उसे पकडवाऐगा। देर रात जब प्रभु गतसमनी के बगीचे में प्रार्थना कर रहा था और उसके चेले करीब मे सो रहे थे, महायाजक की ओर से एक सैनिकों की टोली मशाले, और हथियार लेकर उसे पकडने यहूदा के साथ वहां आए। यहूदा ने आकर प्रभु यीशु को चूमा ताकि वे जान सके कि उन्हे किसे पकडना चाहिए। यहूदियों के नेताओ ने यीशु से पूछताछ की और अन्त मे पिलातुस ने भी यीशु की पुछताछ की। उसें प्रभु मे कोई दोष न मिला ।फिर भी यहूदी अगुवों के दबाव के कारण उसे प्रभु यीशु को दोषी ठहराकर क्रसु की मृत्यु का दण्ड सुनाना पडा। सैनिकों ने प्रभु के सिर पर कांटों का मुकुट रखा और उसका मजाक उडाया। उन्होने उसे बैजनी वस्त्र पहनाया और बार बार उसके पास जाकर कहने लगे, ” यहूदियो के राजा की जय!“ और उन्होंने उसके मंहु पर चांटे मारे। सुबह नौ बजे के करीब प्रभु को गोलगोता पर क्रूस पर चढाने के लिए ले गए। उसें फिर अपने ही ही वस्त्र पहनाए गए। उसने अपना क्रूस खुद उठाया। जब वे खोपडी नामक स्थान पहुंचे उन्होंने क्रूस उसे और उसके साथ और दो अपराधियों को पर क्रूस चढाया, एक उसके दहिने ओर एक उसके बाएं ओर यीशु उनके बीच। बारह बजे एक बडा अंधकार छा गया और तीन बजे तक रहा। तब प्रभु ने बडे आवाज मे कहा, ”मेरे परमेश्वर, मेरे परमेश्वर, तुने मुझे क्यों छोड दिया?“ अन्त मे उसने कहा,” पिता मै अपना प्राण तुझे सौपंता हूं । ं “ इस तरह प्रभु यीशु सब के लिए मर गया।

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Song

(tune: mikki yishu knne milne di taag) क्रूस का नजारा ना हो धुंधला चित्त लगा के सोचो घटना जरा जी नहीं पीयू यह कटोरा मत भूल जा कि तेरे गुनाहों की सजा । कोड़े मार मार घसीटा अपशब्द चीख चीख कर चलाया बड़ा करूँ यत्न खून बहकर खत्म हुई ताकत बोझ तेरा खींच खींचकर यीशु गिरते उठते चढ़ रहा है कलवरी। अपमानित किया कपड़ा निकालकर मेरी शर्मनाक पापों की सजा छुपे पाप मैंने किए लेकिन खुल्ले आम तू तमाशा बना दिल फट जाने की शर्मिंदगी । कैसे जानू प्रभु उस दर्द को हम है नापाक पिता से जुदा होना पड़ा मेरी खातिर पिता ने छोड़ा नरक ज्वाला में आओ रो रो माफी उससे माँग लो सच्ची महोबत को पहचान लो इश्क के बाजार में।