Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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एक दिन मूसा होरेब पर्वत पर भेड़ों को चरा रहा था, तब उसने एक विचित्र दृश्य देखा | परमेश्वर के एक दूत ने आग की लपटों में जलती हुई झाड़ी में से उसको दर्शन दिया, परन्तु झाड़ी भस्म नहीं हों रही थी | जलती झाड़ी में से परमेश्वर ने मूसा को पुकारकर कहा, "मैंने मिस्र में अपने लोगों की दुर्दशा को देखा है, और उनकी चिल्लाहट को सुना है; इसलिए मैं नीचे उतर आया हूँ कि उनको छुड़ाऊँ | अब मैं फिरौन के पास भेजता हूँ ताकि तुम उनको उसके हाथ से छुड़ाओ |" मूसा ने बहुत से बहाने बनाए | उसने कहा, "यह कार्य मैं नहीं कर सकता | मेरे अपने मुझ पर विश्वास नहीं करेंगे, और मैं हकलाता भी हूँ |" परमेश्वर ने कहा, "अपनी लाठी को जमीन पर डाल दे |" मूसा ने लाठी नीचे डाली और वह सर्प बन गई | परमेश्वर ने कहा, अब उसकी पूँछ पकड़ ले" मूसा ने सांप की पूँछ पकड़ी तो वह फिर से लाठी बन गई | परमेश्वर ने मूसा को ओर भी चिह्न दिए कि फिरौन को दिखाए, ताकि वह समझ जाए कि मूसा को वास्तव में सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने भेजा है | परमेश्वर ने मूसा से प्रतिज्ञा की, कि वह उसके साथ रहेंगे और उसे बताएंगे कि उसे क्या कहना है | परमेश्वर ने मूसा से कहा कि वह अपने भाई हारून को भी अपने साथ ले जाए, जो तरफ से बातें करेगा | उन दोनों को एक साथ इस्राएल के वयोवृद्ध लोगों के पास जाकर, अपने लोगों को छुड़ाने के लिए परमेश्वर की योजना के बारे में बताना था | फिर उन सबको मिलकर फिरौन के पास जाकर कहना होगा कि "इब्रियों के प्रभु परमेश्वर ने हम से मुलाकात की है | इसलिए अब हमको मरुभूमि में तीन दिन के मार्ग पर जाने दे ताकि हम अपने परमेश्वर यहोवा के लिए बलिदान चढ़ाएँ |" जब वे फिरौन के पास गया तब फिरौन ने उन्हें भेजने से इन्कार ही नहीं किया, बल्कि लोगों से और अधिक कठिन कार्य करवाया | तब इस्राएली मूसा और हारून से क्रोधित होकर कहने लगे कि, तुमने हमारे कार्य को पहले से अधिक कठिन बना दिया है |" मूसा और हारून मार्गदर्शन के लिए परमेश्वर के पास गए परमेश्वर ने छुटकारे की प्रतिज्ञा करते हुए उन्हें फिर फिरौन के पास भेजा | मूसा और हारून फिर से फिरौन के पास गए और परमेश्वर के दिए गए चिह्न दिखाए | जब हारून ने लाठी को भूमि पर डाला, तो वह सांप बन गई | तब कुछ मिस्री जादूगरों ने भी आपनी लाठियों से सांप बनाए, परन्तु हारून की लाठी उन सब को निगल गई | फिरौन ने फिर से लोगों को भेजन से इन्कार कर दिया, तब मूसा और हारून ने नदी के जल को लहू बना दिया | यही पहली विपत्ति थी |
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