Class 4, Lesson 12: शरण नगर

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एक व्यस्त माँ ने एक बार उसकी दो छोटी बेटियों को बातचीत करते हुए सुनी। एक ने दूसरी से पूछी, ‘‘तुम कैसे जानती हो कि तुम सुरक्षित हो?’’ ‘‘क्योंकि मैं यीशु को मेरे दोनों हाथों से मजबूती से पकड़कर रहती हूँ,’’ दूसरी बोली, ‘‘सोचो यदि शैतान आ जाए और तुम्हारे दोनों हाथ काट डाले तो क्या होगा?’’ छोटी बहन क्षणभर के लिये चिंतित हो गई और फिर उसका चेहरा अचानक ही आनंद से दमक उठा। ‘‘ओह, मैं भूल गई थी! यीशु मुझे पकड़ा हुआ है और शैतान उसके हाथों को नहीं काट सकता, इसलिये मैं सुरक्षित हूँ।’’ पुराने नियम में परमेश्वर ने इस्राएल की सुरक्षा के लिये कुछ इन्तजाम किया। जब मूसा के माध्यम से इस्राएलियों को व्यवस्था दी गई थी, परमेश्वर ने शरण के नगरों के विषय भी आज्ञा दी थी (गिनती 35, व्यवस्थाविवरण 19:1-13)। उस समय इस्राएली कनान में प्रवेश नहीं किये थे। आज्ञा यह थी कि जब वे कनान देश में जाकर उस पर कब्जा कर लेंगे तब उन्हें शरण के छः नगरों को अलग करना होगा, तीन नगर पूर्व में और तीन नगर यरदन नदी के पश्चिम में। जो कोई गलती से किसी व्यक्ति को मार डाले वह भागकर शरण के नगर में शरण और सुरक्षा पा सकता है। व्यवस्थाविवरण में यह दिखाने के लिये एक उदाहरण दिया गया है कि गलती से हत्या करने का क्या अर्थ होता था दो व्यक्ति लकड़ी काटने एक साथ जंगल में गए। जब एक व्यक्ति ने एक पेड़ काटने के लिये कुल्हाड़ी मारा, तो कुल्हाड़ी का ऊपरी भाग निकल गया और उसके मित्र को जाकर लगा जिससे उसकी मृत्यु हो गई।उन दिनों में यह प्रथा कि मृतक का सबसे घनिष्ट संबंधी बदला लेने के लिये खूनी को मार डालता था। कैन जिसने हाबिल को मार डाला था, उसने परमेश्वर से कहा, ‘‘जो कोई मुझे पाएगा, मुझे घात करेगा’’ (उत्पत्ति 4:14)। खून का बदला लेने वाला अपने क्रोध में मृत्यु के दोषी को खोज निकालता था, यह न सोचते हुए कि यह कैसे हुआ। शरण का नगर बेगुनाहों को ऐसे बदले से बचाने के लिये था। शरण के ये नगर हमारे प्रभु यीशु के प्रतीक थे जो पापियों को बचाता है जो उसमें शरण लेते हैं (इब्रानियों 6:18; भजन 16:1; 62:7; 91:2) अब यहोशू ने भूमि पर कब्जा करने के बाद मूसा द्वारा चुने गये तीन नगरों को अलग किया, और यरदन के पश्चिम में भी तीन नगरों को अलग किया। ये शहर लेवियों के उत्तराधिकार के भाग थे। वे ऐसे स्थित थे कि इस्राएल की भूमि पर से कोई भी व्यक्ति आधे दिन के प्रवास के बाद वहाँ पहुँच सकता था। उँचे स्थानों पर होने के कारण शरण के नगर दूर से ही देखे जा सकते थे। शहरों के फाटक दिन रात खुले रहते थे। उन तक पहुँचने के लिये सुविधाजनक रास्ते बनाए गये थे ताकि कोई भी व्यक्ति वहाँ आसानी से पहुँच सके। (व्यवस्थाविवरण 19:3) उसी प्रकार, कोई भी पापी किसी भी समय दौड़कर यीशु के पास जा सकता और बचाया जा सकता है। वह यह कहकर सब को बुलाता है, ‘‘हे सब परिश्रम करने वालो और बोझ से दबे हुए लोगो, मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्राम दूँगा (मत्ती 11:28)। जो व्यक्ति शरण के नगर की ओर जाता था वह अपना मामला नगर के फाटक के अगुवों को बताता था। उसकी बातें सुनने के बाद वे यह निश्चित करते थे कि इस व्यक्ति ने इरादे से खून किया है या गलती से यह दुर्घटना हुई है। यदि उसने गलती से खून किया हो तो उसे उस नगर में शरण दी जाती थी। उसे वहाँ उस समय के विद्यमान महायाजक की मृत्यु तक वही रहना पड़ता था। महायाजक की मृत्यु के बाद वह अपने घर लौटने के लिये स्वतंत्र होता था। हमारा महायाजक मसीह है (इब्रानियों 3:1; 4:14)। मसीह की मृत्यु के द्वारा, पश्चाताप करने वाले पापी को उसके पापों से मुक्ति मिल जाती हैं (इब्रानियों 9:12)। महायाजक की मृत्यु का दिन इस्राएल के लिये बड़े विलाप का दिन होता था। कभी-कभी दो व्यक्ति जो आपस में दुश्मन होते थे अपने झगड़े को भूलकर दुख बांटते समय फिर से मित्र बन जाते थे। हम भी कभी-कभी झगड़ने वाले दो भाइयों को मिलते हुए देखते हैं जब कोई नज़दीकी रिश्तेदार की मृत्यु हो जाती है। उसी प्रकार बदला लेने वाले का गुस्सा भी महायाजक की मृत्यु के दुख के दिन नम्र पड़ जाता था। परंतु जिसने खून किया है उस व्यक्ति को उस समय से पहले शरण के नगर से बाहर नहीं जाना चाहिये। आइये हम उन नगरों के नाम देखें और उनके अर्थ को समझें। शेकेम = कंधा हेब्रोन = संगति रामोत = उँचा बेसेर = गोलन =आनंद हेब्रोन = संगति बेसेर = गढ़ कादेश = पवित्रता ये सभी बातें मसीह में देखी जाती हैं जो वास्तविक, अनंतकालीन शरण है। वे हमें पवित्रता, सुरक्षा आंनद की याद दिलाते हैं जो हमें मसीह में मिलते हैं। क्या आप सुरक्षा के लिये मसीह के पास गए हैं, जो वास्तविक शरणस्थान है

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He brought me to His banqueting table, And His banner over me is love (3) His banner over me is love. I am my beloved's and he is mine, and His banner over me is love Yes His banner over me is love He lifts me up into heavenly places. and His banner over me is love Yes His banner over me is love