Class 5, Lesson 4: मूसा

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Lesson Text

फिरौन ने आज्ञा दिया कि इस्त्राएलियों को पैदा होने वाले सभी लड़कों को नदी में फेंक दिया जाए। लेवी के गोत्र के एक इस्त्राएली अम्राम ने एक लेवी स्त्री योकेबेद (निर्गमन 6:20) से विवाह कर लिया। उनको एक पुत्र हुआ जो बहुत सुन्दर था और उन्होंने उसे तीन महिने तक छिपा रखा। फिर उसे और अधिक छिपाकर रखना असंभव हो गया। इसलिये उन्होंने सरकड़ें की टोकरी बनाया, उस पर चिकनी मिट्टी चढ़ाया और फिर उसे नदी के किनारे कांसों के बीच छोड़ आए। बच्चे की बहन (मरियम) यह देखने के लिये कि बच्चे का आगे क्या होता है, वहीं पास में कहीं खड़ी रही। कुछ समय के बाद फिरौन की बेटी वहाँ नहाने के लिये आई। उसकी सहेलियाँ भी नदी किनारे चली गईं। जब उसने कासों के बीच टोकरी को देखी तो एक दासी को उसे उठाकर लाने को बोली। जब टोकरी को खोला गया, उसने बच्चे को रोता हुआ पाई। यह सोचकर कि वह कोई इब्री बालक है उसे उस पर दया आ गई। फिर बच्चे की बहन ने जो वहीं आ पहुँची थीं, फिरौन की बेटी से पूछी कि क्या वह किसी इब्री स्त्री को बुलाकर ला सकती है जो इस बच्चे की देखरेख कर सके। फिरौन की बेटी ने अपनी सहमति दी और लड़की ने बच्चे की माँ को बुला लाई। फिरौन की बेटी ने उस स्त्री से कही कि वह बच्चे को ले जाए और उसके लिये उसकी देखभाल करे। उसने उसे उसकी मजदूरी देने की भी बात कही। इसलिये वह स्त्री उस बच्चे को ले गई और उसकी देखरेख करने लगी। (कहा जाता है कि फिरौन की बेटी की अपनी कोई संतान नहीं थीं)। जब बालक बड़ा हुआ तो वह फिरौन की बेटी का बेटा कहलाया। उसने उसका नाम मूसा रखी क्योंकि उसने उसे पानी से निकाली थी। क्योंकि मूसा ने अपने जीवन के आरंभिक वर्ष अपने ही घर में बिताया था, उसे सच्चे परमेश्वर पर विश्वास बढ़ाने का मौका मिला था, और उसके लोगों के लिये उन प्रतिज्ञाओं को जानने का भी जो उन्होनंे परमेश्वर से प्राप्त किया था। बाद में मूसा मिस्त्रियों की सारी शिक्षा प्राप्त किया और वह वचन और कर्म दोनों में सामर्थी था। (प्रेरितों के काम 7:22)। जब मूसा 40 वर्ष का था उसने उसके भाइयों के दुख को देखा और उनकी सहायता करने और उन्हें छुड़ाने की सोचा। (इब्रानियों 11:25-26)। जब उसने उसके एक भाई को मिस्त्री के हाथों पिटते देखा, तो उसने यहाँ वहाँ देखा कि कहीं उसे कोई देख तो नहीं रहा। जब उसे यकीन हो गया कि वह अकेला था, उसने उसे मिस्त्री व्यक्ति को मार डाला और उसे रेत में दफना दिया। अगले दिन उसने दो इब्रियों को लड़ते देखा उसने दोषी व्यक्ति से पूछा कि वह उसके भाई को क्यों मार रहा है? उस व्यक्ति ने कहा, किसने तुझे हम लोगों पर लोगों पर हाकिम और न्यायी ठहराया? जिस भांति तूने मिस्त्री को घात किया, क्या उसी भांति तू मुझे भी घात करना चाहता है?’’ तब मूसा समझ गया कि उसने जो किया था वह लोगों को मालुम हो गया था। वह डर गया और मिद्यान देश को भाग गया। हम देखते हैं कि मूसा द्वारा इस्त्राएल को छुड़ाने का वह परमेश्वर का समय नहीं था। वह अपने लोगों की मदद करने के चुनाव में सही था, परंतु उसने परमेश्वर के वचन को सुनना नहीं सीखा था। उसे यह बात मिद्यान के मरूस्थल में सीखना पड़ा।

Excercies

Song

मेरे बालकपन से उसने मुझे चुन लिया मैं था भटका और दूर हो गया, उसकी करूणा ने फिर भी नहीं छोड़ा नया जीवन मुझे दे दिया। कोः-आहा आनन्द है! परम आनन्द है! यह ही मेरा सौभाग्य है! इस सृष्टि का पालनहारा मेरे हृदय का राजा हुआ ।