Class 6, Lesson 35: पिन्तेकुस्त

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पिन्तेकुस्त 'पिन्तेकुस्त' शब्द यूनानी भाषा के शब्द 'पेन्तेकुस्त' का अनुवाद है, जिसका अर्थ है 'पचासवां दिन।' यह यहोवा के सात पर्वों में से एक है। इस्त्राएल की प्रजा को प्रथम फल के दिन के पर्व से सात सब्त और उसके अगले दिन को गिनने के लिए कहा गया था उसके पश्चात् उन्हें प्रभु के लिए नए अन्न की बलि चढ़ाना था (लैव्य. 23:16)। उस दिन उन्हें प्रभु के लिए मैदे की दो रोटियां हिलाने की भेंट के लिए लाना था। इन रोटियों को खमीर के साथ पकाना था। जैसे पिता ने समय पूरा होने पर अपने पुत्र को भेजा, जब पिन्तेकुस्त का दिन आया, परमेश्वर की प्रतिज्ञात, पवित्र आत्मा भेजी गई। क्योंकि पिन्तेकुस्त सब्त का अगले दिन था, यह हमेशा इतवार को आता था। अब पिन्तेकुस्त, जो कि प्रभु के पुनरुत्थान के पश्चात् पचासवें दिन पड़ा, एक स्मरणीय घटना हुई। इसी दिन चेले एक देह, कलीसिया में मिलाए गए। एक रीति से यह कलीसिया का जन्म दिवस था। आईए उस स्मरणीय दिन की घटनाओं और उनके महत्व का अध्ययन करें। प्रभु की आज्ञा के अनुसार (लूका 24:49; प्रे.काम 14) चेले 'पिता की महिमा' के पूरा होने के लिए यरूशलेम में ठहरे हुए थे। कहा गया है कि "वे सब एक स्थान पर एकत्रित थे" (प्रे.काम 2:1)। हमें उस स्थान के विषय ज्ञात नहीं है। यह मंदिर हो सकता है, या शायद उपरौठी कोठरी, परंतु हमें वह दिन ज्ञात है। वह पिन्तेकुस्त का दिन था, अर्थात् प्रभु के पुनरुत्थान के पश्चात् पचासवां दिन और उसके स्वर्गारोहण के पश्चात् दसवां दिन। तब अचानक से कुछ होने लगा। एकाएक आकाश से एक प्रचण्ड आँधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उससे सारा घर जहाँ वे बैठे हुए थे, गूंज गया। उन्हें आग के समान जीभें विभाजित होती हुई दिखाई दीं, और उनमें से प्रत्येक पर आ ठहरीं। वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जैसे आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ दी वे अन्य अन्य भाषाओं में बोलने लगे। पिन्तेकुस्त के दिन जो हुआ उसके विषय यही एकमात्र विवरण है, परंतु प्रेरित पौलुस ने पिन्तेकुस्त का अर्थ हमें बताया। अब यरूशलेम संसार भर के यहूदी तीर्थयात्रियों से भरा था (प्रे.काम 2:8-11)। उन्होंने इस असामान्य शब्द को सुना। स्वाभाविक रूप से विस्मय तथा उत्सुक्ता में एक भीड़ एकत्र हो गई। बड़े विस्मय से उन्होंने इन गलीलियों को अपनी ही भाषा में परमेश्वर के कार्य के विषय बोलते सुना। उनका अचम्भा और परेशानी और बढ़ गई क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति उसकी अपनी मातृभाषा में परमेश्वर के वचन को सुन रहा था। उन्होंने एक दूसरे से पूछा, "यह कैसी बात है?" तथापि, कुछ जो यरूशलेम के यहूदी थे, यह कहते हुए ठट्ठा करने लगे, "ये नशे में चूर हैं।" यही समय था जब पतरस उन ग्यारहों के साथ खड़ा हुआ और इस विशेष घटना को समझाने लगा। उसने योएल नबी की नबूवत का उल्लेख किया, जो कहता है, "अंतिम दिनों में ऐसा होगा कि मैं अपना आत्मा सब लोगों पर उण्डेलूंगा" (प्रे.काम 2:17; योएल 2:28-32)। पतरस मुख्यतः यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों से कह रहा था (प्रे.काम 2:14) जो कि ठट्ठा उड़ा रहे थे। अन्य चेले भी उन लोगों से बोलते रहे जो कि इस नए संदेश को जानना चाहते थे। निश्चय ही वे इन चेलों के चारों ओर एकत्र हो गए होंगे और उन्होंने उनकी अपनी अपनी भाषा में महान आत्मिक सत्य को सुना। उस दिन का कुल परिणाम तीन हजार लोगों का मसीह को ग्रहण करना और बपतिस्मा लेना था (प्रे.काम 2:41)। इस स्मरणीय घटना का महत्व उस दिन क्या हुआ? यह हमारे प्रभु यीशु मसीह के वचनों का पूरा होना था। पढ़िएः (यूहन्ना 14:16,17,26; प्रे.काम 1:4,5)। इन पदों से हम समझते हैं विशेष रीति से (प्रे.काम 1:5) से कि उस दिन यीशु के चेलों को पवित्र आत्मा द्वारा बपतिस्मा दिया गया (प्रे.काम 11:16)। (1 कुरिं. 12:13) में, पौलुस कहता है, "क्योंकि हम सब ने चाहे यहूदी हो, या यूनानी हो, दास हों या स्वतंत्र, एक ही आत्मा द्वारा एक देह होने के लिए बपतिस्मा पाया और हमें एक ही आत्मा पिलाया गया।" अतः हम यह समझते हैं कि आत्मा के बपतिस्मे के साथ पिन्तेकुस्त के दिन हम विश्वासी एक जीवित देह में मिलाए गए। यह परमेश्वर की कलीसिया, मसीह की देह है। यह एक ऐतिहासिक घटना है और यह दोहराई नहीं जाती है। पिन्तेकुस्त फसह और प्रथम फल के पर्वों पर निर्भर है। पिन्तेकुस्त को तब ही दोहराया जा सकता है यदि कलवरी को दोहराया जाए। अब ऐसा है कि जैसे ही कोई व्यक्ति यीशु मसीह को प्रभु करके और उद्धारकर्ता करके ग्रहण करता है तो उसमें पवित्र आत्मा निवास करता है। पिन्तेकुस्त हमारा अनुभव या एक द्वितीय आशीष नहीं है। जब कोई व्यक्ति उद्धार पाता है तो उस पर प्रतिज्ञा किए गए पवित्र आत्मा की छाप लगती है। यदि किसी के पास मसीह का आत्मा नहीं है तो वह मसीह का नहीं है (रोमियों 8:9)। लूका आगे कहता है, "और जो उद्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रतिदिन उनमें मिला दिया करता था"(प्रे.काम 2:47)। इसलिए, यदि आप कलीसिया के सदस्य हैं, अर्थात् नया जन्म पाए और कलीसिया में मिलाए गए हैं तो इसका अर्थ यह है कि आप मसीह के हैं, और यदि आप मसीह के हैं तो आपके पास पवित्र आत्मा है।

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