Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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होशे के पिता का नाम बेरी था। उसने यहूदा के राजा उजिजयाह, योताम, आहाज और हिजकिय्याह के दिनों में और इस्राएल के राजा यारोबाम के दिनों में भविष्यद्वाणी की। इसका अर्थ यह है कि वह यशायाह का समकालीन था। उसने लगभग 50 वर्षों तक भविष्यद्वाणी की। इसे हम तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं 1. लोगों का विद्रोह ;अध्याय 1-5 2. लोगों की वापसी ;अध्याय 6-13 3. लोगों का आनंद ;अध्याय 14 1. लोगों का विद्रोह: ;अध्याय 1-5 होशे नाम का अर्थ है उद्धार । यह उस सत्य की ओर इंगित करता है कि होशे उन लोगों के लिए उद्धार का संदेश लाया जो नैतिक पतन में जी रहे थे। उसने बहुत ही कठिन समयों में अपना सेवा कार्य किया।कई बार लोगों ने उसे तुच्छ जाना और उसकी उपेक्षा की। तुलना की जाए तो यहूदा के राजा इस्राएल के राजाओं की तरह परमेश्वर से दूर नहीं गए। पिफर भी यहूदा के राजाओं के समय परमेश्वर के लोग बुरी तरह भटक गए और मूर्तिपूजा और दुष्टता में डूब गए। पिफर भी यह अद्भुत है कि हमारा परमेश्वर दयालु है और अपने लोगों पर दया करके उन्हें बचाने और वापस लाने के लिए अपने भविष्यद्वक्ताओं को उनके पास भेजता है। 2. लोगों की वापसी ;अध्याय 6-13 भविष्यद्वाणी की इस पुस्तक के पहले पाँच अध्यायों में हम देख सकते हैं कि परमेश्वर उन भटके हुए लोगों को अपने पास वापस लाने का प्रयत्न करते हैं। तब वे कहते हैं, ‘‘चलो हम यहोवा की ओर पिफरें,क्योंकि उसी ने पफाड़ा और वही चंगा भी करेगाऋ उसी ने मारा और वही हमारे घावों पर पट्टी बाँधेगा।’’ ;6:1। प्रत्युत्तर में परमेश्वर कहते हैं, ‘‘मैं बलिदान से नहीं, स्थिर प्रेम ही से प्रसन्न होता हूँ और होमबलियों से अध्कि यह चाहता हूँ कि लोग परमेश्वर का ज्ञान रखें।’’ ;6:6 हम में से हर एक को यह सोचना चाहिए कि क्या हम उस प्रेम करने वाले परमेश्वर से भटक जाते हैं या स्थिर प्रेम करते हैं। 3. लोगों का आनंद ;अध्याय 14 अध्याय 14 में हम उन लोगों को देखते हैं जो परमेश्वर के पास वापस लौट आए। वे लोग परमेश्वर में आनंदित हैं। परमेश्वर ने उनसे बहुतायत से प्रेम किया और उन्हें समृ( किया। आरंभ के पहले तेरह अध्यायों में हम देखते हैं कि भविष्यद्वक्ता परमेश्वर की तरपफ से लोगों से बातें करता है। अंत में लोगों को परमेश्वर के मार्ग समझ में आ गए।अतः लोगों के पास अब आनंद मनाने का कारण था। इस भविष्यद्वाणी का अंत आश्वासन के वचनों के साथ होता है, ‘‘जो बुद्धिमान हो वही इन बातों को समझेगा, क्योंकि यहोवा के मार्ग सीधे हैं, और ध्र्मी उनमें चलते रहेंगे।’’ ;14:9।
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