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एक खून की नदी जारी है, यीशु की सूली से, और जो कोई उसमें नहायेगा यकीनन साफ होंगे, मैं जानता हूँ, मैं मानता हूँ, यीशु मेरे लिये, सलीब पर हुआ था बलिदान बचाने को मुझे (2)