तूने किया मुझसे प्यार
कोई न था तारणहार,
तुझ से न देखा गया
मेरे गुनाहों का भार।
1 तुझ से मैं दूर हो गया
ईश्वर रहित जग में था,
बिलकुल मैं समझा नहीं
तेरे हृदय का वह प्यार।
2 मैंने न सोचा कभी,
अंत मेरा क्या कुछ होगा,
अपने ही पापों से मैं
करता था तुझको बेजार।
3 देखा जब खुद को मैंने,
घृणा हुई इस जीवन पर,
पश्चाताप बहुत किया,
माना तुझे ताराणहार।
4 उद्धार मुझे मिल गया,
लहू से मैं धुल गया,
भटके को लाया निकट,
धोए पाप बेशुमार।
5 मंडली में लाया मुझे,
मीरास बनाया मुझे,
दिया बड़ा अधिकार,
खोला तूने स्वर्ग का द्वार ।